People wandering in search of true love: सच कहूं तो, ब्लैकमेलिंग और बदनामी के डर से कई पुरूष और स्त्री भी चाहकर भी किसी पर भरोसा नहीं कर पाते है… ज्यादा नजदीकियां बढ़ जाने के बाद यदि साथी गलत मिल गया तो शुरू ब्लैकमेलिंग, पुरूष फंसा तो धन जाता है और स्त्री फंस गई किसी सनकी के चक्कर में तो फिर ईज्जत और जान तक चली जाती है… समाज में बदनामी होगी, अलग से!
ऐसे रिश्ते की शुरुआत में तो स्त्री हो या पुरुष, दोनों ही बड़ा कायदे से पेश आते हैं और अच्छे व्यवहार करते हैं,,, मगर बहुत से लोग बाद में अपना रंग दिखाते हैं। बहुत सी महिलाएं भी आपकी तरह एकाकी जीवन जी रहीं हैं और किसी ऐसे मित्र की तलाश में भी रहती है जो सिर्फ सुख में ही नहीं बल्कि दुख में भी साथ निभाए। … एक दूसरे की भावनाओं की कद्र करने वाले ऐसे लोग संयोग से ही मिलते हैं…
जो समाज में एक दूसरे की इज्जत और मर्यादाओं का भी ख्याल रखते हैं… मिल ही जाते हैं वो ह्दय, जो छल और कपट से रहित हो.. मिलते हैं ऐसे लोग तो सिर्फ साहब नीयत और संयोग से..! ध्यान रहे… अपरिचितों के मैसेंजर पर मंडराने वाले ही साईबर क्राइम का शिकार भी बनते हैं.